देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पूरी तरह एक्शन मोड में हैं। लक्ष्मणझूला-कांडी-दुगड्डा-रथुवाढाब-धुमाकोट मार्ग के नवीनीकरण के काम की खराब गुणवत्ता की गाज संबंधित सहायक अभियंता अजीत सिंह और अपर सहायक अभियंता अनिल कुमार पर गिर गई। उक्त दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को अपनी कार्रवाई से साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति से किसी सूरत में समझौता नहीं किया जाएगा। स्वर्गीय जगमोहन ङ्क्षसह नेगी राज्य राजमार्ग संख्या-नौ (लक्ष्मणझूला-कांडी-दुगड्डा-रथुवाढ़ाब-धुमाकोट) के दो किमी के हिस्से पर अलग-अलग टुकड़ों में नवीनीकरण का कार्य किया गया। यह कार्य लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड-दुगड्डा की ओर से कराया गया है। बीती 15 मार्च को रिखणीखाल निवासी देवेश आदमी ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए किमी-155 पर मलयखांद बैंड पर बिछाए गए डामर का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया था।
निर्माण कार्य की घटिया गुणवत्ता के वायरल वीडियो को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड-दुगड्डा के अधिशासी अभियंता ने बीते रोज मौके पर जाकर मुआयना किया। शासन को भेजी गई उनकी जांच रिपोर्ट में घटिया निर्माण की पुष्टि की गई।
जांच में पाया गया कि मार्ग के निर्माण कार्य में ठेकेदार ने सड़क की सतह ठीक तरह से सफाई नहीं की। साथ में गीली सतह पर टैक कोट डाला गया। इस वजह से टैक कोट की पुरानी सतह से बांडिंग नहीं हो पाई और सतह उखड़ गई। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि सहायक अभियंता अजीत सिंह व अपर सहायक अभियंता अनिल कुमार ने दायित्व को ठीक तरीके से नहीं निभाया। आरोपों की प्रकृति इस तरह की है कि विस्तृत जांच में पुष्टि होने पर उन्हें कड़ा दंड दिया जा सकता है। इस रिपोर्ट के आधार पर शासन ने उक्त दोनों अभियंताओं को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उक्त दोनों लोक निर्माण विभाग मुख्य अभियंता कार्यालय पौड़ी से संबद्ध रहेंगे।